केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कल रात वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सर्वाइकल पैथोलॉजी और कोलपोस्कोपी के लिए 17वीं विश्व कांग्रेस के उद्घाटन सत्र में प्रख्यात डॉक्टरों, चिकित्सा विज्ञान के प्रोफेसरों और सर्वाइकल पैथोलॉजी और कोलपोस्कोपी में विशेषज्ञता हासिल करने वाले चिकित्सा समुदाय के दिग्गजों को संबोधित किया।
इंडियन सोसाइटी ऑफ कोल्पोस्कोपी एंड सर्वाइकल पैथोलॉजी द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का उद्घाटन उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने किया।
डॉ. हर्षवर्धन ने कोल्पोस्कोपी और सर्वाइकल पैथोलॉजी और (सर्विक्स) गर्भाशय ग्रीवा पूर्व कैंसर के घावों के उपचार में अग्रणी प्रशिक्षण तथा एशिया में पहली बार प्रतिष्ठित विश्व कांग्रेस लाने के लिए इंडियन सोसाइटी ऑफ कोलपोस्कोपी और सर्वाइकल पैथोलॉजी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि विश्व कांग्रेस का मुख्य विषय "सर्वाइकल कैंसर का उन्मूलनः कार्रवाई का आह्वान" 2030 तक सर्वाइकल कैंसर के उन्मूलन के लिए विश्व संगठन के आह्वान के अनुरूप है।
सर्वाइकल कैंसर के विषय पर बोलते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "यह महिलाओं में आमतौर पर पाया जाने वाला चौथा कैंसर है। इससे दुनिया में हर साल 50 लाख से अधिक महिलाएं प्रभावित होती हैं और यह 25 लाख महिलाओं की जान लेता है। यह बड़े दुख की बात है कि हर दो मिनट में एक महिला की सर्वाइकल कैंसर से मौत हो जाती है, जिसके कारण यह महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए एक सबसे बड़ा खतरा बन गया है। एक दुखद बात यह भी है कि इस तथ्य के बावजूद महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित हो रही हैं और मर रही हैं जबकि सर्वाइकल कैंसर का सबसे अधिक सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है, क्योंकि इसका जल्दी पता लगाया जा सकता है और प्रभावी रूप से इलाज भी किया जा सकता है। बाद के चरणों में पता लगाए जाने वाले कैंसरों को भी उचित उपचार और उपशामक देखभाल के साथ नियंत्रित किया जा सकता है। सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम, जांच और उपचार के लिए व्यापक दृष्टिकोण अपनाने से इसे एक पीढ़ी के भीतर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में समाप्त किया जा सकता है।
डॉ. हर्षवर्धन ने डब्ल्यूएचओ के 2030 के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए सर्वाइकल कैंसर को रोकने के लिए भारत द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डालते हुए कहा: "मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि भारत उन कुछ विकासशील देशों में से एक है, जिन्होंने राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण कार्यक्रम तैयार किया है। एशिया में एक नेता के रूप में हमने वर्ष 2016 में आमतौर पर पाए जाने वाले कैंसर यानि सर्वाइकल, ब्रेस्ट, ओरल और सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए संचालन दिशानिर्देशों की शुरुआत की है। भारत ने 194 अन्य देशों के साथ सामूहिक रूप से इस प्रमुख हत्यारे यानि कैंसर को खत्म करने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया है। इस लक्ष्य को 90% एचपीवी टीकाकरण कवरेज, 70% स्क्रीनिंग कवरेज और सर्वाइकल प्रीकैंसर और कैंसर तथा उपशामक देखभाल के माध्यम से अर्जित किया जा सकता है।
भारत सरकार किस प्रकार आयुष्मान भारत कार्यक्रम के दो खंडों के माध्यम से कैंसर को समाप्त करने के उपायों की पेशकश कर रही है: “हम सभी जानते हैं कि प्रभावी, प्राथमिक एचपीवी टीकाकरण और द्वितीयक रोकथाम का दृष्टिकोण अधिकांश सर्वाइकल कैंसर के मामलों की रोकथाम कर सकते हैं। आज भारत कैंसर देखभाल के सभी स्तरों को मजबूत कर रहा है। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए कैंसर और पूर्व कैंसर के घावों के उपचार को सुलभ बनाया जा रहा है। हमारे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को अब ‘वेलनेस सेंटर’ में परिवर्तित कर दिया गया है, जहां बड़े पैमाने पर कैंसर स्क्रीनिंग की जा रही है। हर साल, हम डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को उनके कौशल में और सुधार लाने और ग्रामीण क्षेत्रों की वंचित महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण देखभाल के प्रावधान के लिए प्रशिक्षण दे रहे हैं। पिछले सात वर्षों में 29 नए एम्स और 25 से अधिक क्षेत्रीय कैंसर केंद्रों को अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ विकसित किया गया है। हमारे सभी 542 मेडिकल कॉलेज और 64 पोस्ट ग्रेजुएट संस्थान पूर्व-कैंसर और कैंसर रोगियों को व्यापक देखभाल सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं। स्वास्थ्य देखभाल की गुणवत्ता में बढ़ोतरी के लिए भारत ने गायनोकोलॉजी में एक सुपर स्पेशियलिटी कोर्स भी शुरू किया है।”