घर-घर औषधि योजना की प्रभावी क्रियान्वयन की रणनीति

वन विभाग की प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन-बल प्रमुख)श्रुति शर्मा ने रविवार को झुंझुनूं जिले के विभिन्न वन क्षेत्रों का दौरा किया। ‘घर-घर औषधि’ योजना के प्रभावी क्रियान्वयन की मॉनिटरिंग के लिए आई श्रुति शर्मा ने बगड़ रोड स्थित बीड़ संरक्षित क्षेत्र का भी दौरा किया। यहां उन्होंने उपलब्ध पानी की सुविधा का, वनस्पति, नर्सरी और पौधारोपण कार्य का निरीक्षण किया।
इससे पहले उन्होंने मंडावा में हवेलियों में उगे पीपल के पेड़ों को संरक्षित कर दूसरी जगह लगाने के वनविभाग के कार्य को सराहा। उन्होंने कहा कि पीपल का पेड़ अद्भुत औषधियों गुणों वाला है और मन को शांति प्रदान करने वाला है। वन विभाग के स्थानीय अधिकारियों का पीपल को बचाने का यह अनूठा प्रयास प्रशंसनीय है। दौरे में जयपुर संभाग के मुख्य वन संरक्षक के.सी. मीणा भी साथ रहे।
उन्होंने घर-घर औषधि योजना को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की महत्वकांक्षी योजना बताते हुए कहा कि इससे लोगों की इम्यूनिटी बढ़ेगी। घर-घर औषधि के साथ घर-घर फोरेस्ट फूड के रूप में भी आगे इस योजना का विस्तार किया जा सकता है। फोग, कैर जैसे अनेक वन उत्पाद हैं जो लोग दैनिक जीवन में काम में लेते रहे हैं, इसे बढ़ावा दिया जा रहा है।
जिले में 16.84 लाख पौधे होंगे वितरित
डीएफओ आर.के. हुड्डा ने बताया कि घर-घर औषधि योजना के तहत 3.82 लाख परिवारों को तुलसी, गिलोय, कालमेघ, अश्वगंधा आदि के 16.84 लाख पौधे वितरित किए जाएंगे। इनके पौधे तैयार कर लिए गए हैं। तुलसी के पौधे की नर्सरी का  श्रुति शर्मा और जयपुर संभाग के मुख्य वन संरक्षक के.सी. मीणा ने निरीक्षण करने के बाद संतोष जाहिर किया।